Kaun Kahe Teri Mahima

Kaun Kahe Teri Mahima

|| कौन कहे तेरी महिमा ||

कौन कहे तेरी महिमा
कौन कहे तेरी माया।
किसी ने हे परमेश्वर
तेरा अन्त कभी न पाया।
कौन कहे तेरी महिमा………

अज अमर अविनाशी
कण कण में व्यापक है।
सबसे पहला उपदेशक
और अध्यापक है।
गुरुओं का भी गुरु है
ईश्वर ऋषियों ने फरमाया।
कौन कहे तेरी महिमा……..

सारे सूरज चाँद सितारे
भी तुझ में हैं।
सभी समन्दर सभी
किनारे भी तुझ में हैं।
सृष्टि के अन्दर बाहर
तू एक समान समाया।
कौन कहे तेरी महिमा………..

हर प्रलय के बाद
जगत निर्माण करे तू।
नियम समय पर इसका
भी अवसान करे तू।
सदा तुझे अगणित
कण्ठों ने झूम झूम कर गाया।
कौन कहे तेरी महिमा………

तुझ को ढूँढा रात में
और दिन में ढूँढा है।
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण में ढूँढा है।
थके पथिक सब ढूँढ ढूंढ कर
कहीं नजर न आया।
कौन कहे तेरी महिमा………..

कौन कहे तेरी महिमा
कौन कहे तेरी माया।

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